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Conferences and Events

दिव्य कला मेला, 2023

July-2023
दिव्यांगों के उत्पादों और कौशलों के विपणन एवं प्रदर्शन के लिए एक बड़ा मंच। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा...

दिव्यांगों के उत्पादों और कौशलों के विपणन एवं प्रदर्शन के लिए एक बड़ा मंच।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा जयपुर, राजस्थान में आयोजित।

Conferences and Events

केर पूजा महोत्सव, 2023

July-2023
त्रिपुरा  में मनाया गया।

त्रिपुरा  में मनाया गया।

UP Current Affairs

पहला यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो, 2023

September-2023
इण्डिया एक्सपोजिशन मार्ट लि. (IEML), ग्रेटर नोएडा के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इण्डिया 'एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट, ग्रेटर...

इण्डिया एक्सपोजिशन मार्ट लि. (IEML), ग्रेटर नोएडा के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इण्डिया ‘एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट, ग्रेटर नोएडा, उ.प्र. में आयोजित होगा।

Schemes and Projects, UP Current Affairs

मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना

August-2023
उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन का प्रस्ताव अनुमोदित। एमएसएमई को प्रोत्साहित करने 'तथा अपरिहार्य परिस्थितियों में   सूक्ष्म...

उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन का प्रस्ताव अनुमोदित।

एमएसएमई को प्रोत्साहित करने ‘तथा अपरिहार्य परिस्थितियों में   सूक्ष्म उद्यमियों को सहायता प्रदान करने से  संबंधित इस योजना के अंतर्गत ।8-60 वर्ष की आयु के सूक्ष्म श्रेणी के उद्यमी जो जीएसटी विभाग द्वारा संचालित व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाम पाने के पान्न नहीं हैं, को आच्छादित किया जाएगा।

UP Current Affairs

वानर वन

August-2023
उत्तर प्रदेश के इस राजघानी शहर के बाहरी इलाके में बंदरों के बढ़ते आतंक की रोकथाम हेतु समर्पित वानर वन...

उत्तर प्रदेश के इस राजघानी शहर के बाहरी इलाके में बंदरों के बढ़ते आतंक की रोकथाम हेतु समर्पित वानर वन बनाया जाएगा।

Person and Place in News, UP Current Affairs

“वेद वन पार्क”

August-2023
योगी आदित्यनाथ द्वारा भारत के पहले वैदिक-थीम वाले पार्क “वेद वन पार्क” का नोएडा शहर में उद्घाटन।

योगी आदित्यनाथ द्वारा भारत के पहले वैदिक-थीम वाले पार्क “वेद वन पार्क” का नोएडा शहर में उद्घाटन।

Person and Place in News

जॉन वैनिस्टर गुडएनफ

August-2023
अमेरिकी वैज्ञानिक एवं लीथियम - आयन बैटरी के सह-आविष्कारक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता का निधन। उन्हें वर्ष 2009 में रसायन...
  • अमेरिकी वैज्ञानिक एवं लीथियम – आयन बैटरी के सह-आविष्कारक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता का निधन।
  • उन्हें वर्ष 2009 में रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Schemes and Projects

वैभव फैलोशिप योजना

» भारत सरकार ने वैभव कार्यक्रम  को लागू करने हेतु IS जून, 2023 को 'वैभव फैलोशिप कॉल, 2023 की  घोषणा...

» भारत सरकार ने वैभव कार्यक्रम  को लागू करने हेतु IS जून, 2023 को ‘वैभव फैलोशिप कॉल, 2023 की  घोषणा की।

» इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी है।

» यह फैलोशिप भारतीय मूल के उत्कृष्ट वैज्ञानिकों/प्रौद्योगिकीविदों (NRI/OCI/PIO) को प्रदान की जाएगी, जो अपने संबंधित देशों  में  अनुसंधान गतिविधियों में संलग्न हैं।

Science and Technology

राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन-मिशन

August-2023
हीमोग्लोविनोपैथी- = हीमोग्लोबिनोपैथी (Haemoglobinopathy) आनुवंशिक रक्त संबंधी विकारों रोगों के समूह के लिए एक चिकित्सीय शब्द (medical term) है, जो...

हीमोग्लोविनोपैथी-

= हीमोग्लोबिनोपैथी (Haemoglobinopathy) आनुवंशिक रक्त संबंधी विकारों रोगों के समूह के लिए एक चिकित्सीय शब्द (medical term) है, जो मुख्यत: ‘लाल रक्त कोशिकाओं” (Red blood cells) को प्रभावित करते हैं।
इन विकारों/रोगों में मुख्यतः थैलेसीमिया (thalassaemia) एवं ‘सिकल सेल एनीमिया (sickel-cell anaemia) शामिल हैं।

o सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक रोग है, यह माता-पिता के जीन्स से संतान को पुश्तैनी तौर पर प्राप्त होता है।

o इस बीमारी में रोगी की लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन की कमी से अर्द्ध गोलाकार एवं सख्त हो जाती हैं, जिसे सिकल सेल कहा जाता है। (लैटिन भाषा में ‘सिकल’ का अर्थ ‘हँसिया’ होता है।)

o केंद्रीय बजट, 2023-24 में राष्ट्रीय सिकल रोल एनीमिया उन्मूलन मिशन (National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission :     NSCEM) की घोषणा की गई थी।

o इस कार्यक्रम को मिशन मोड में आयोजित किया जाएगा, जो जन्म से लेकर 40 वर्ष की आयु तक की संपूर्ण जनसंख्या को शामिल करेगा।

o यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का हिस्सा होगा।

o  मिशन में प्रारंम 17 राज्यों को प्राथमिकता दी गई है, जहां सिकल सेल रोग का अधिक प्रसार है। इसमे उत्तर प्रदेश भी शामिल है।

 

National Events, Science and Technology

LVM3-M4/ चंद्रयान-3 चंद्र मिशन

August-2023
चंद्रमा के बारे में कुछ तथ्य--- » यह पृथ्वी से औसतन 238855 मील (384400 किमी.) की दूरी पर स्थित  है।...

चंद्रमा के बारे में कुछ तथ्य—

» यह पृथ्वी से औसतन 238855 मील (384400 किमी.) की दूरी पर स्थित  है।

» चंद्रमा का वायुमण्डल बहुत पतला एवं दुर्बल है, जिसे बाह्ममण्डल (exosphere) कहते हैं।

» यह सूर्य के विकिरण या उल्काओं (meteoroids) के आघात से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करता है।

» क्षुद्रग्रहों, उल्काओं, धूमकेतु आदि के लगातार आघात के कारण चंद्रमा की सतह पर कई क्रेटरों (craters) का निर्माण हो गया है।

» वर्ष 1959 में तत्कालीन सोवियत संघ का लूना-1  (Luna-l) चंद्रमा तक पहुंचने वाला पहला अंतरिक्षयान बना था।

» वर्ष 1959 में ही लूना-2 चंद्रमा की सतह पर लैण्ड (land)करने वाला पहला अंतरिक्षयान था।

» वर्ष 1968 में ‘अपोलो-8’ चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित होने वाला पहला मानवयुक्त अंतरिक्षयान था।

» 20 जुलाई, 969 को अमेरिका के अपोलो- मिशन के माध्यम से पहली बार चंद्रमा पर मनुष्यों की लैण्डिंग संभव हुई।

» स्मार्ट-। (5003-) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का पहला चंद्र मिशन था।

» चीन का पहला चंद्र मिशन “चांग ‘ई-‘ (Chang’e-) वर्ष 2007 में प्रक्षेपित किया गया था।

भारत के चंद्र अभियान–

» ‘इण्डियन एकेडमी ऑफ साइंसेज’ (Indian Academy of Scicnces), बंगलुरू  और “एस्ट्रोनॉटिकल ऑफ इण्डिया” (Astronautical Society of India)  के विद्वान सदस्यों द्वारा की गई सिफारिशों के आघार पर ISRO द्वारा “राष्ट्रीय चंद्र मिशन टास्क फोर्स” (National Lunar Mission Task Force) का गठन किया गया।

» इस परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार द्वारा नवंबर, 2003 में “प्रथम मारतीय चंद्र मिशन’ “चंद्रयान-‘ को मंजूरी प्रदान की गई।

 चंद्रयान-1  —

» 22 अक्टूबर, 2008 को चंद्रयान- को सतीश घवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था। यह भारत का प्रथम ‘गहन अंतरिक्ष मिशन” (deep space mission) था।

» चंद्रयान -1 , चंद्रमा की सतह से 100 किमी. की ऊंचाई पर उसकी परिक्रमा कर रहा था।

» चंद्रयान- ने चंद्रमा पर “जल के अणुओं’ (water molecules) की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

  चंद्रयान-2 —

» 22 जुलाई, 2009 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश घवन अंतरिक्ष केंद्र शार के द्वितीय लांच पैड से GSLV मार्क-III M रॉकेट द्वारा भारत के चंद्रयान-2 मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था।
» इस मिशन के अंतर्गत एक ऑर्विटर, एक लैण्डर एवं एक रोवर शामिल था।
» भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर लैण्डर को विक्रम नाम दिया गया था, जबकि रोवर का नाम प्रज्ञान रखा गया था।

» चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैण्डिंग का भारत का प्रथम प्रयास था।

»  इस मिशन का सद्देश्य चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र का अन्वेषण ‘करना था, जहां इसके पूर्व तक किसी भी देश ने अपना मिशन नहीं भेजा था।

 चंद्रयान-3  —

» 4 जुलाई, 2023 को भारत के तृतीय चंद्र मिशन ‘ चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसे LVM3-M4 प्रक्षेपण यान के माध्यम से प्रक्षेपित किया।

» यह प्रक्षेपण आंघ्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार के द्वितीय लांच पैड से किया गया।

» अभी तक केवल 3 देश यथा- अमेरिका, रूस एवं चीन ही चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैण्डिंग में सफल रहे हैं।

» चंद्रयान-3 के निम्न 3 प्रमुख घटक हैं :-
(i) एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल (An indigenous propulsion module)

(ii) लैण्डर मॉड्यूल (Lander module)

(iii) रोवर (Rover)
» इसमें शामिल ‘लैण्डर एवं रोवर’ चंद्रयान-2 के क्रमश: विक्रम लैण्डर एवं प्रज्ञान रोवर के समान ही हैं। हालांकि, सुरक्षित लैण्डिंग सुनिश्चित करने के लिए चंद्रयान-3 के लैण्डर एवं रोवर में कुछ सुघार किए गए हैं।

» चंद्रयान-3 के लैण्डर में निम्न 4 पेलोड संलग्न हैं :-
(i) ChaSTE (Chandra’s Surface Thermophysical Experiment)
– इसका उद्देश्य घ्रुवीय क्षेत्र के निकट चंद्रमा की सतह के तापीय गुणों (thermal propertics) का मापन करना है।
(ii) RAMBHA (Radio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive ionosphere and Atmosphere)
– यह एक ‘लैंगम्यूर प्रोब’ (Langmuir Probe) है। लैंगम्यूर प्रोब किसी उपग्रह मैं संलग्न एक ऐसा वैज्ञानिक उपकरण होता है, जिसका                 उद्देश्य वायुमण्डल के ऊपरी क्षेत्रों में उपरिथित प्लाज्मा (Plasma) के विभिन्‍न मानदण्डों का पता लगाना है।

– सामान्यतः: यह प्लाज्मा के इलेक्ट्रॉन तापमान, इलैक्ट्रॉन घनत्व एवं विद्युत विभव (clectric potential) का पता लगाता है।

(iii) ILSA (Instrument for Lunar Scismic Activity)

– इसका उद्देश्य चंद्रमा पर लैण्डिंग स्थल के आस-पास भूकंपनीयता (Seismicity) को मापना है।
– साथ ही चंद्रमा की पर्पटी (crust) तथा आवरण (mantle) की संरचना को निरूपित करना है।
(iv) LRA (LASER Retroreflector Array) यह चंद्र प्रणाली के गति विज्ञान (Dynamics) को समझने के लिए एक अनुप्रयोग

(experiment) है।

चंद्रयान-3 : प्रमुख उद्देश्य
(i) चंद्र सतह पर सुरक्षित एवं सॉफ्ट लैण्डिंग का प्रदर्शन करना।
(ii) चंद्रमा पर रोवर के घूमने -फिरने की क्षमता का प्रदर्शन करना।
(iii) यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग संचालित करना।