Explore GS

सेंट्रल विस्टा : भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन

June-2023
सेंट्रल विस्टा » औपनिवेशिक  युग (Colonial era) के  दौरान अग्रणी ब्रिटिश 'वास्तुविदों एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) एवं हर्बर्ट बेकर (Herbert...

सेंट्रल विस्टा
» औपनिवेशिक  युग (Colonial era) के  दौरान अग्रणी ब्रिटिश ‘वास्तुविदों एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) एवं हर्बर्ट बेकर
(Herbert Baker) ने “सेंट्रल विस्टा परिसर’ (Central Vista Complex) की परिकल्पना की थी।

» इसका उद्घाटन वर्ष 1931 में किया गया था।
» इसमें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नॉर्थ एवं साउथ ब्लॉक और अभिलेख कार्यालय के साथ-साथ इण्डिया गेट स्मारक और राजपथ के दोनों ओर नागरिक उद्यान (Civie gardens) शामिल थे।

» सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) में ‘राजपथ’ और इण्डिया गेट के उद्यान शामिल हैं।

»  राजपथ का पुनर्नामकरण “कर्तव्य पथ’ के रूप में किया गया है।

» सेंट्रल विस्टा विकास/पुनर्विचार परियोजना” (Central Vista Development/Redevelopment Project) की परिकल्पना सितंबर, 2009 में की गई थी।

» यह एक पीढ़ीगत अवसंरचना निवेश परियोजना है, जिसमें 6 वर्षों की अवधि तक विस्तृत अनेक परियोजनाएं शामिल हैं।

इसमें शामिल प्रमुख परियोजनाएं निम्नवत हैं :-
(i) संसद सदस्यों के लिए कक्ष सहित नया संसद भवन
(i) सेंट्रल विस्टा एवेन्यू
(iii) साझा केंद्रीय सचिवालय के  10 भवन
(iv) केंद्रीय सम्मेलन स्थल (Central Conference Centre)
(v) भारत के माननीय उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास इत्यादि।
» इन सभी परियोजनाओं को चरणबद्ध एवं क्रमिक रूप से वर्ष 2026 तक पूरा किया जाना है।

 

संसद भवन में सेंगोल की स्थापना

» सेन्गोल शब्द तमिल शब्द ‘सेम्मई ‘ (Semmai) से लिया गया है, जिसका अर्थ है नीतिपरायणता (Righteousness)!

» सेन्गोल (Sengol) श्रद्धेय (revered) होने का एक पवित्र प्रतीक है।
» यह दर्शाता है कि शासक, विधि-नियम (rule of law) के अधीन है।
» स्पष्ट है कि सेन्गोल न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन का एक पवित्र प्रतीक है।

» यह याद दिलाता है कि शासक की शक्तियां निरंकुश नहीं होती हैं।
» शासक धर्म के उच्च मानदण्ड के अधीन है। –
» शासक को इस मार्गदर्शक सिद्धांत का पालन करना होता है।
» भौतिक दृष्टि से, सेन्गोल एक सुंदर हस्त-निर्मित कृति है। जिसके  शीर्ष पर भगवान शिव के पवित्र बैल नंदी को नककाशी के माध्यम से चित्रित किया गया है।

» तमिलनाडु में चोल राजाओं (Chola kings) के शासनकाल के दौरान, महायाजकों (high priests) के माध्यम से सेंगोल को ‘एक राजा से दूसरे राजा को सौंप दिया जाता था।

» 4 अगस्त, ।947 को भारत की स्वतंत्रता की पूर्वसंध्या पर एक पवित्र सेन्गोल का निर्माण किया गया।

» इस सेन्गोल को एक तमिल आधीनम्‌ (धार्मिक मठ) द्वारा पण्डित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया, जो अंग्रेजों से भारत को सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक था।

» श्री अंबलवाण देसिक्‌ स्वामी ने सी. राजगोपालाचारी केअनुरोध पर मद्रास के स्वर्णकार बुम्मिडी बंगारू चेट्टी को सेन्गोल का डिजाइन सौंप कर उसके निर्माण का आदेश दिया था।

»  14 अगस्त 1947 को पण्डित नेहरू द्वारा सेंगोल  को प्राप्त करने के बाद, इसे इलाहाबाद संग्रहालय (वर्तमान प्रयागराज) में रखा गया था।

मणिपुर मे हिंसा।

June-2023
मणिपुर में निवास करने वाले प्रमुख जातीय समूहों (ethnic groups) में मैतेई (Meitei), नगा (Naga) और कुकी-चिन (Kukichin) शामिल  हैं।...
  • मणिपुर में निवास करने वाले प्रमुख जातीय समूहों (ethnic groups) में मैतेई (Meitei), नगा (Naga) और कुकी-चिन (Kukichin) शामिल  हैं।
  • मैतेई समुदाय मुख्यत: घाटी जिलों में, जबकि नगा और कुकी-चिन जनजातियां पहाड़ी जिलों में निवास करती हैं।
  • घाटी क्षेत्र में गैर-जनजातीय समुदाय मैतेई का प्रभुत्व है, जो राज्य की लगभग 53 प्रतिशत से अधिक आबादी का निर्माण करते हैं।

हिंसा का  कारण –

» मार्च, 2023 में मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा गैर-जनजातीय मैतेई (Meitei) समुदाय को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe : ST) का दर्जा प्रदान करने हेतु विचार करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया गया।
» उल्लेखनीय है कि वर्तमान में मैतेई समुदाय को “अन्य पिछड़ा वर्ग’ (OBC) या अनुसूचित जाति (SC) की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
» यह समूह ‘अनुसूचित जनजाति मांग समिति’ के माध्यम से दशकों से ST का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है।
» उच्च न्यायालय के इस निर्देश के विरुद्ध अखिल जनजातीय छात्र संघ मणिपुर (All Tribal Students Union Manipur : ATSUM) द्वारा “जनजातीय एकजुटता रैली’ का आयोजन किया गया। जिसके परिणामस्वरूप मणिपुर में हिंसा भड़क उठी।

मणिपुर हिंसा की जांच हेतु आयोग
» 4 जून, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा गठित।
» गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे।
» आयोग के 2 अन्य सदस्यों में शामिल हैं –
1. पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर;
2. पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक (Aloka) प्रभाकर।

भारत और अमेरिका के बीच आर्टेमिस समझौता ।

June-2023
» प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान 20 जून, 2023 को भारत "आर्टेमिस समझौते " (Artemis Accords) पर हस्ताक्षर करने...

» प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान 20 जून, 2023 को भारत “आर्टेमिस समझौते ” (Artemis Accords) पर हस्ताक्षर करने वाला विश्व का 27वां देश बन गया।
» इसके साथ ही, भारत अब साझा व्यवस्था (Common Protocols) के तहत, चंद्रमा एवं अन्य खगोलीय पिण्डों के अन्वेषण
(exploration) के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले आर्टेमिस कार्यक्रम में भागीदारी कर सकेगा।
» उल्लेखनीय है कि आर्टेमिस समझौता मूलत: 3 अक्टूबर, 2020 को हस्ताक्षरित हुआ था।
» इस समझौते के 8 संस्थापक देश – ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्जमबर्ग, यू. ए.ई., यू.के. एवं अमेरिका हैं।

» उल्लेखनीय है कि आर्टेमिस समझौता एक गैर-बाध्यकारी (non-binding) समझौता है।

» इसमें किसी भी प्रकार की वित्तीय प्रतिबद्धताएं (Financial Commitments) शामिल नहीं हैं।
» यह समझौता ऐसे सिद्धांतों का एक समूह हैं, जिन्हें 21 वीं  शताब्दी में नागरिक अंतरिक्ष अन्वेषण (civil space exploration) को दिशा प्रदान करने हेतु डिजाइन किया गया है।
» आर्टेमिस समझौते के अंतर्गत सभी क्रियाकलाप शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए ही संपन्न किए जाएंगे।

नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में विश्व सर्प दिवस मनाया गया

July-2023
नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, (दिल्ली चिड़ियाघर) में 16.07.2023 को विश्व सर्प दिवस मनाया गया है। विश्व सर्प दिवस मनाने का उद्देश्य भारत के साँपों, साँपों के बारे में अविश्वास और हमारे इकोसिस्टम में साँपों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाकर साँपों की रक्षा करना है।

नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, (दिल्ली चिड़ियाघर) में 16.07.2023 को विश्व सर्प दिवस मनाया गया है। विश्व सर्प दिवस मनाने का उद्देश्य भारत के साँपों, साँपों के बारे में अविश्वास और हमारे इकोसिस्टम में साँपों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाकर साँपों की रक्षा करना है। इस अवसर पर साँप पालने वाले कर्मचारियों द्वारा सरीसृप गृह में पिंजरे का फर्नीचर उपलब्ध कराकर संवर्धन गतिविधि का संचालन किया गया। इस अवसर पर सर्प घरों के अंदर भी वृक्षारोपण किया गया।

राष्ट्रपति 18 जुलाई, 2023 को “भूमि सम्मान” 2023 प्रदान करेंगी

July-2023
भूमि अभिलेखों के पूर्ण डिजिटलीकरण के लिए 68 जिलों के जिला कलेक्टरों और 9 सचिवों को भूमि सम्मान प्रदान किया जाएगा

राष्ट्रपति मंगलवार, 18 जुलाई, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 9 राज्य सचिवों और 68 जिला कलेक्टरों को उनकी टीमों के साथ “भूमि सम्मान” 2023 प्रदान करेंगी, जिन्होंने डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी)-शासन का मूल-के मुख्य घटकों के लिए सम्पूर्णता प्राप्त करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह आयोजन राज्य के राजस्व और पंजीकरण पदाधिकारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पिछले 75 वर्षों में पहली बार “भूमि सम्मान” प्राप्त करेंगे। यह “भूमि सम्मान” को संस्थागत रूप देने का ऐतिहासिक वर्ष होगा।