हिंसा का कारण –
» मार्च, 2023 में मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा गैर-जनजातीय मैतेई (Meitei) समुदाय को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe : ST) का दर्जा प्रदान करने हेतु विचार करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया गया।
» उल्लेखनीय है कि वर्तमान में मैतेई समुदाय को “अन्य पिछड़ा वर्ग’ (OBC) या अनुसूचित जाति (SC) की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
» यह समूह ‘अनुसूचित जनजाति मांग समिति’ के माध्यम से दशकों से ST का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है।
» उच्च न्यायालय के इस निर्देश के विरुद्ध अखिल जनजातीय छात्र संघ मणिपुर (All Tribal Students Union Manipur : ATSUM) द्वारा “जनजातीय एकजुटता रैली’ का आयोजन किया गया। जिसके परिणामस्वरूप मणिपुर में हिंसा भड़क उठी।
मणिपुर हिंसा की जांच हेतु आयोग
» 4 जून, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा गठित।
» गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे।
» आयोग के 2 अन्य सदस्यों में शामिल हैं –
1. पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर;
2. पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक (Aloka) प्रभाकर।