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  • मणिपुर में निवास करने वाले प्रमुख जातीय समूहों (ethnic groups) में मैतेई (Meitei), नगा (Naga) और कुकी-चिन (Kukichin) शामिल  हैं।
  • मैतेई समुदाय मुख्यत: घाटी जिलों में, जबकि नगा और कुकी-चिन जनजातियां पहाड़ी जिलों में निवास करती हैं।
  • घाटी क्षेत्र में गैर-जनजातीय समुदाय मैतेई का प्रभुत्व है, जो राज्य की लगभग 53 प्रतिशत से अधिक आबादी का निर्माण करते हैं।

हिंसा का  कारण –

» मार्च, 2023 में मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा गैर-जनजातीय मैतेई (Meitei) समुदाय को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe : ST) का दर्जा प्रदान करने हेतु विचार करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया गया।
» उल्लेखनीय है कि वर्तमान में मैतेई समुदाय को “अन्य पिछड़ा वर्ग’ (OBC) या अनुसूचित जाति (SC) की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
» यह समूह ‘अनुसूचित जनजाति मांग समिति’ के माध्यम से दशकों से ST का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है।
» उच्च न्यायालय के इस निर्देश के विरुद्ध अखिल जनजातीय छात्र संघ मणिपुर (All Tribal Students Union Manipur : ATSUM) द्वारा “जनजातीय एकजुटता रैली’ का आयोजन किया गया। जिसके परिणामस्वरूप मणिपुर में हिंसा भड़क उठी।

मणिपुर हिंसा की जांच हेतु आयोग
» 4 जून, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा गठित।
» गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे।
» आयोग के 2 अन्य सदस्यों में शामिल हैं –
1. पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर;
2. पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक (Aloka) प्रभाकर।