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  •  इस योजनांतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी मूल निवासी जो मौजूदा समय में देश या विश्व में कहीं भी रह रहे हैं और अपने गांव या क्षेत्र का विकास करने में सक्षम तथा इच्छुक हों, सहमागी बन सकते हैं।
  • लोगों को विकास कार्य/परियोजना की 60 प्रतिशत धनराशि धन उपलब्ध करानी होगी, जबकि जमीन व लागत की 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
  •  संबंधित विकास कार्य की शिलापट्टिका में दानदाता अपने पूर्वजों के सम्मान स्वरूप नामकरण कर सकेंगे।
  • प्रारंभ में यह योजना ग्राम सभा में लागू की गई है, बाद में इसे शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा।